वीडियो जानकारी: 19.11.24, संत सरिता, ग्रेटर नॉएडा
बाप-बेटे के रिश्ते की कहानी || आचार्य प्रशांत (2024)
📋Video Chapters:
0:00 - Intro और प्रश्नकर्ता का प्रश्न
3:45 - अतीत और वर्तमान का संबंध
10:00 - रिश्तों का ब्लूप्रिंट
15:40 - मास्क और पहचान
18:50 - हास्य और व्यंग्य
21:00 - रिश्तों की जटिलता और मित्रता
27:15 - मित्रता के सिद्धांत
29:25 - व्यक्तिगत अनुभव और सीख
37:30 - निष्कर्ष और अंतिम विचार
विवरण:
प्रश्नकर्ता ने अपने परिवार में पिताजी और मम्मी के झगड़ों और उनकी उम्र के बावजूद लगातार लड़ाई की स्थिति का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि एक बार अपने पिताजी को रोकने के लिए उन्हें हाथ उठाना पड़ा, जिससे वह बहुत आहत हुए और उनके साथ संबंध में खटास आ गई। वह जानना चाहते थे कि उन्होंने सही किया या गलत, और इस स्थिति से कैसे बाहर निकल सकते हैं।
आचार्य जी ने इस स्थिति का समाधान देने से पहले यह बताया कि past में जो कुछ भी हुआ है, वह अब change नहीं कर सकते। जो हुआ, वह उस समय की situation का परिणाम था और आप उस समय की घटनाओं के आधार पर अब अपनी current स्थिति को देख सकते हैं। आचार्य जी का कहना था कि जब relationships का blueprint पहले से ही तय होता है, तो हमें उस blueprint को बदलने का प्रयास नहीं करना चाहिए। वे यह भी कहते हैं कि relationships में अक्सर conflict और complications आती हैं, लेकिन हमें उन्हें traditions और social norms के दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि humanity और friendly behavior से देखना चाहिए।
आचार्य जी ने यह भी कहा कि पिताजी और बेटे के relationship में जो कुछ भी हुआ, वह केवल एक behavior का परिणाम था, और इसमें कोई खास गलती नहीं थी। वे यह मानते हैं कि relationships में अक्सर यही होते हैं, लेकिन यदि हम अपनी role को समझते हुए एक दूसरे के साथ friendly व्यवहार करें, तो problems अपने आप हल हो जाती हैं।
🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:
https://open.spotify.com/show/3f0KFwe...